The Fact About baglamukhi shabhar mantra That No One Is Suggesting



By Vishesh Narayan Summary ↬ Baglamukhi Shabar Mantra is especially exploited to penalize enemies and also to dethrone the hurdles in everyday life. Often getting blameless and without any concerns, the enemy routinely harasses you for no purpose. The mantra removes the evilness and strengths of enemies.

यहाँ पर उल्लिखित शाबर मन्त्र के सम्बन्ध में अनुभवी साधकों का यह निष्कर्ष है कि यह परमशक्तिशाली मन्त्र है और इसका प्रयोग कभी निष्फल नहीं होता है। यह प्रबल बगलामुखी शत्रु विनाशक मंत्र है। इसका सिद्धि-विधान भी अत्यन्त ही सरल है। इसके लिए साधक को यह निर्देश है कि भगवती बगला की सम्यक् उपासना एवं उपचार के उपरान्त प्रतिदिन दो माला जप एक महीने तक करें। इतने अल्प समय और अल्प परिश्रम से ही यह मन्त्र अपना प्रभाव प्रकट करने लगता है।

पीत-वर्णां मदाघूर्णां, दृढ-पीन-पयोधराम् ।

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा

श्रीबगला- पटलोक्त ध्यान ( पीताम्बरा ध्यान मंत्र )

आप सभी को दीपावली कि हार्दिक शुभकामनाएं

While using the graces of goddess Baglamukhi, you may feeling a wave read more of fine Strength within your overall body, permitting you to very easily comprehensive your obligations.

Worshipping Ma Baglamukhi is a specific approach to subdue and defeat your adversaries. The mantras, however, can only create poor outcomes If they're utilized with wicked intentions.

इस परिशिष्ट में जिन मन्त्रों का उल्लेख किया जा रहा है, वे लोक- परम्परा से सम्बद्ध भगवती-उपासकों द्वारा पुनः-पुनः सराहे गए हैं। इन मन्त्रों का प्रभाव असंदिग्ध है, जबकि इनके साधन में औपचारिकताएं नाम मात्र की हैं। यदि भगवती बगलाम्बा के प्रति पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा-भाव रखते हुए इन मन्त्रों की साधना की जाए, तो कोई कारण नहीं है कि साधक को उसके अभीष्ट की प्राप्ति न हो।

पीताम्बर-धरां सान्द्रां, पूर्ण-चन्द्र-निभाननाम् ।

Last of all, it is usually recommended to abide by a vegetarian eating plan, Specially on the times whenever you interact in intense mantra observe. Consuming sattvic (pure and light-weight) food items aids in sustaining a balanced condition of thoughts and encourages spiritual purity.

योगिनी-कोटि-सहितां, पीताहारोप-चञ्चलाम् ।

Since the temple was constructed in an evening, and as the artisans couldn’t complete the whole perform in a single night time, the temple structure is incomplete. Not like other temples, the temple doesn’t Possess a gopura.

नव-यौवन-सम्पन्नां, पञ्च-मुद्रा-विभूषिताम् । चतुर्भुजां ललज्जिह्वां , महा-भीमां वर-प्रदाम्

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